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नीली क्रान्ति के स्तंभों को नमन करते हुए मनाया गया राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस

AgriPress Staff AgriPress Staff
Updated 10 July, 2025 10:35 AM IST
नीली क्रान्ति के स्तंभों को नमन करते हुए मनाया गया राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस

मुजफ्फरपुर/रामजी कुमार: डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, के मात्स्यिकी महाविद्यालय, ढोली, मुजफ्फरपुर, में बुधवार को नीली क्रान्ति के स्तंभों को नमन करते हुए राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस, मात्स्यिकी महाविद्यालय, ढोली, के अधिष्ठाता डॉ. प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित कुल 20 स्थानीय मत्स्य पालकों का स्वागत करते हुए स्वागत भाषण से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. पुण्यव्रत सुविमलेन्दु पाण्डेय मत्स्य पालकों के उचित प्रशिक्षण हेतु हमेशा प्रयत्नशील रहतें है।


जल कृषि विभाग के प्रधान डॉ. शिवेंद्र कुमार, ने मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन के विभिन्न आयामों से परिचय कराया, वैज्ञानिक रोशन कुमार राम ने सजावटी एवं रंगीन मछलियों के पालन एवं प्रजनन के साथ ही एक्वेरियम निर्माण से मत्स्य कृषकों को रुबरू कराया, डॉ राजीव कुमार ब्रह्मचारी द्वारा मछलियों में लगने वाले रोग एवं उनके उपचार पर प्रकाश डाला गया, डॉ तनुश्री घोड़ई ने मछलियों से बनने वाले मुल्य वर्धित उत्पाद से होने वाले लाभ की जानकारी दी गई। डॉ. प्रवेश कुमार ने मछलियों के प्रजनन एवं गुणवत्तापूर्ण मछली जीरा के चुनावों से अवगत कराया गया।



वैज्ञानिक अभिलिप्सा विश्वाल ने मोती पालन हेतु महत्वपूर्ण जानकारी दी, मंच संचालन महाविद्यालय शिक्षक, राम कुमार कुर्मी द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन वरीय वैज्ञानिक डॉ. घनश्याम नाथ झा ने किया। उक्त अवसर पर अधिष्ठाता के कर कमलों द्वारा मत्स्य पालक बन्धुओं के बीच मछ्ली बीज का वितरण किया गया। मछली पालन एवं इससे होने वाले लाभ की जानकारी से उपस्थित सभी मत्स्य पालकों में काफी प्रसन्नता एवं आत्मविश्वास दिखाई दे रहा था। मौके पर महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण, वैज्ञानिक सहित अधिष्ठाता के निजी सचिव डॉक्टर कुमार राजेश उपस्थित थे। मत्स्य पालकों द्वारा मत्स्य पालन में आने वाली समस्या एवं वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए समाधान से मत्स्य पालक काफी आशान्वित व संतुष्ट हुए।